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गर्भावस्था और डिलीवरी के बाद नजर में बदलाव: क्या ध्यान रखना ज़रूरी है?
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं — शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक। हार्मोन में होने वाले बदलाव केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि आंखों को भी प्रभावित कर सकते हैं। यह बदलाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं, लेकिन उन्हें समझना और आंखों की सही देखभाल करना ज़रूरी है।
धुंधला दिखना
गर्भावस्था में हार्मोन के कारण आंखों में थोड़ा अधिक तरल जमा हो सकता है, जिससे आंख का आकार थोड़ा बदल सकता है। इसके कारण नजर धुंधली हो सकती है। ऐसा लग सकता है जैसे चश्मा या लेंस काम नहीं कर रहे। यह परेशानी आमतौर पर डिलीवरी के बाद अपने आप ठीक हो जाती है।
आंखों में सूखापन या जलन
कुछ महिलाओं को आंखों में सूखापन, खुजली या जलन का अनुभव हो सकता है। यह आंसू बनाने की प्रक्रिया पर असर डाल सकता है। आंखों को आराम देने के लिए आर्टिफिशियल टियर्स (आंसू की बूंदें) का प्रयोग किया जा सकता है। तेज पंखे या सूखी हवा से बचना चाहिए।
तेज रोशनी से परेशानी
गर्भवती महिलाएं कभी-कभी तेज रोशनी को सहन नहीं कर पातीं। धूप में निकलना या रात में ड्राइव करना मुश्किल हो सकता है। इससे बचने के लिए धूप का चश्मा पहनना या छाया वाली टोपी लगाना फायदेमंद हो सकता है।
आंखों के दबाव में बदलाव
गर्भावस्था में आंखों के अंदर का दबाव कुछ कम हो सकता है। यह आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होता। लेकिन अगर किसी महिला को पहले से कोई आंखों की बीमारी हो, तो डॉक्टर को बताना ज़रूरी है ताकि इलाज में बदलाव किया जा सके।
सिरदर्द और आंखों में थकावट
हार्मोन बदलाव और मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से सिरदर्द या आंखों में थकान हो सकती है। इसके लिए नियमित रूप से आंखों को आराम देना और खूब पानी पीना जरूरी है।
गर्भकालीन मधुमेह और आंखों पर असर
यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज हो जाती है, तो यह आंखों की छोटी रक्त नलिकाओं को प्रभावित कर सकती है, जिससे धुंधला दिख सकता है या सूजन हो सकती है। ऐसे में आंखों की जांच करवाना ज़रूरी होता है।
प्रसव के बाद की नजर
डिलीवरी के बाद हार्मोन सामान्य होने लगते हैं और नजर से जुड़ी अधिकतर परेशानियां धीरे-धीरे ठीक हो जाती हैं। लेकिन अगर कुछ महीनों के बाद भी आंखों की रोशनी सामान्य नहीं होती, तो आंखों के डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
- अगर अचानक दिखाई देना बंद हो जाए या चमकती रोशनी दिखे।
- गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर या डायबिटीज हो।
- अगर प्रसव के बाद आंखों की समस्या लंबे समय तक बनी रहे।
निष्कर्ष
गर्भावस्था और प्रसव के बाद आंखों से जुड़ी समस्याएं आम हैं, लेकिन आमतौर पर ये थोड़े समय के लिए होती हैं। इन लक्षणों को समझना और सही देखभाल करना आपको असुविधा से बचा सकता है। समय पर जांच और आराम आंखों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।
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