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मानव प्रजनन तरल में मिले माइक्रोप्लास्टिक, चिंता का कारण

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है। माइक्रोप्लास्टिक अब सिर्फ समुद्र, हवा या भोजन तक सीमित नहीं रहे, बल्कि ये अब इंसानों के शरीर के अंदर तक पहुंच चुके हैं। ताज़ा शोध में यह पाया गया है कि ये सूक्ष्म प्लास्टिक कण मानव के प्रजनन तरल में भी मौजूद हैं। यह जानकारी मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकेत देती है, खासकर प्रजनन क्षमता को लेकर।

माइक्रोप्लास्टिक क्या होते हैं?

माइक्रोप्लास्टिक छोटे-छोटे प्लास्टिक कण होते हैं जिनका आकार 5 मिलीमीटर से भी कम होता है। ये प्लास्टिक तब बनते हैं जब बड़े प्लास्टिक उत्पाद टूटकर छोटे कणों में बदल जाते हैं, या फिर इन्हें पहले से ही इतने छोटे आकार में बनाया जाता है। ये कण मिट्टी, हवा, पानी और अब मानव शरीर में भी पाए जा रहे हैं, जो चिंता बढ़ा रहे हैं।

शोध में क्या पाया गया?

एक हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने 29 महिलाओं के फॉलिक्यूलर फ्लूइड (अंडाणु से जुड़ा तरल) और 22 पुरुषों के सीमेन (वीर्य) सैंपल का विश्लेषण किया। इन तरलों का संबंध स्वाभाविक गर्भधारण और सहायक प्रजनन प्रक्रियाओं से होता है।

शोध में यह पाया गया कि 69% महिलाओं और 55% पुरुषों के तरल सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद थे। इनमें कई प्रकार के प्लास्टिक पॉलिमर शामिल थे जैसे:

  • PTFE (31% महिलाओं में, 41% पुरुषों में)
  • PP (28%)
  • PET (17%)
  • PA (14%)
  • PE (10%)
  • PU (10%)
  • PS (7% महिलाओं में, 14% पुरुषों में)

कितनी है यह चिंता की बात?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी क्योंकि माइक्रोप्लास्टिक पहले भी मानव अंगों में पाए गए हैं। लेकिन इनका प्रजनन तरल में पाया जाना यह दिखाता है कि यह समस्या कितनी आम हो चुकी है। हालांकि अभी यह साफ नहीं कहा जा सकता कि माइक्रोप्लास्टिक सीधे तौर पर प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करते हैं, फिर भी जानवरों पर किए गए शोध यह दिखाते हैं कि जहां ये जमा होते हैं वहां सूजन, कोशिका क्षति और हार्मोन असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या सावधानी रखनी चाहिए?

भले ही माइक्रोप्लास्टिक अकेले प्रजनन क्षमता पर असर न डालते हों, लेकिन ये निश्चित रूप से एक संभावित कारण बन सकते हैं। इसलिए कुछ साधारण उपायों से इनसे बचा जा सकता है जैसे:

  • गर्म खाना प्लास्टिक बर्तनों में न रखें
  • पानी पीने के लिए प्लास्टिक बोतलों की जगह स्टील या कांच का उपयोग करें
  • प्लास्टिक पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों से बचें

निष्कर्ष

इस अध्ययन से यह स्पष्ट है कि माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर के संवेदनशील हिस्सों तक पहुंच चुके हैं और यह प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एक नई चुनौती बन सकते हैं। हालांकि अभी और रिसर्च की जरूरत है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि माइक्रोप्लास्टिक हमारे जीवन के हर हिस्से में घुसपैठ कर चुके हैं।

महत्वपूर्ण नोट:

हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें।
आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।

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Sandeep

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