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अच्छी नींद और स्ट्रोक के खतरे के बीच संबंध

स्ट्रोक क्या है?

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति अचानक रुक जाती है या बहुत कम हो जाती है। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं – इस्कीमिक स्ट्रोक (ब्लड क्लॉट के कारण) और हैमरेजिक स्ट्रोक (रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण)।

स्ट्रोक के सामान्य कारण

  • हाई ब्लड प्रेशर – यह मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर लगातार दबाव डालता है।
  • डायबिटीज – यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाती है।
  • हृदय रोग – विशेष रूप से एट्रियल फाइब्रिलेशन से खून के थक्के बन सकते हैं।
  • गलत जीवनशैली – धूम्रपान, मोटापा, और खराब खानपान से भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

नींद का स्ट्रोक से क्या संबंध है?

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि नींद की गुणवत्ता, अवधि और नींद से जुड़ी समस्याएं स्ट्रोक के खतरे को प्रभावित कर सकती हैं।

नींद की कमी और अधिकता

  • बहुत कम नींद (6 घंटे से कम) – यह उच्च रक्तचाप, मोटापा और हृदय रोग का कारण बन सकती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
  • बहुत अधिक नींद (9 घंटे से अधिक) – यह भी खतरे की घंटी हो सकती है। अधिक नींद छिपी हुई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है, जैसे हृदय या मेटाबोलिक रोग।

नींद से जुड़ी बीमारियां और उनका असर

  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) – इस स्थिति में सोते समय बार-बार सांस रुक जाती है। इससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और रक्तचाप बढ़ जाता है। OSA वाले लोगों को स्ट्रोक का खतरा 2 से 3 गुना अधिक होता है।
  • अनिद्रा (इंसोम्निया) – यह उच्च रक्तचाप, सूजन और रक्त वाहिकाओं के संकुचन से जुड़ी होती है, जो स्ट्रोक को बढ़ावा देती है।
  • रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS) – इससे नींद की गुणवत्ता खराब होती है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता।

निष्कर्ष

यह साफ है कि नींद न केवल शरीर को आराम देती है बल्कि मस्तिष्क के स्वास्थ्य और स्ट्रोक से सुरक्षा में भी मदद करती है। अच्छी नींद लेना, समय पर सोना और नींद से जुड़ी समस्याओं का इलाज करवाना, स्ट्रोक से बचाव की दिशा में एक जरूरी कदम हो सकता है।

अन्य जानकारी

अगर आपकी नींद अक्सर खराब रहती है, तो इसे हल्के में न लें। यह आगे जाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। उचित खानपान, नियमित व्यायाम और समय पर सोना — ये सभी उपाय नींद सुधारने और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण नोट:

हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।

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Sandeep

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